Sunday, February 3, 2019

मुझे जाने दो!

बहुत से कर्ज़ चुकाना है, मुुझे जाने दो
हँसके दर्द छुपाना है, मुझे जाने दो

ख़्वाब हमारे टूटे हैं तो क्या हुआ
कुछ झूठी रस्में निभाना है, मुझे जाने दो

कोशिशें बहुत की, कि हम एक हो जाएं
बिछड़ना अब एक बहाना है, मुझे जाने दो

यूँ रोका तो तुमने भी बहुत था, लेकिन
मेरा कहीं और ठिकाना है, मुझे जाने दो

टूटे शीशे की तरह बिखरे हैं दोनों फिर भी
सबको मुस्कुरा के बताना है, मुझे जाने दो।।

-स्वप्निल जोसफ

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