Friday, February 9, 2018

हम आ जाएंगे।

राह में कहीं ठहरो तो बताना हम आ जाएंगे

कोई तोड़े कभी दिल तो बताना हम आ जाएंगे

वो देखो बहुत आगे निकल गया है ज़माना

गर वहां तक हो जाना, तो बताना, हम आ जाएंगे

वक़्त की बेड़ियों में बंधे हो तुम भी, हम भी

कभी आज़ाद होना चाहो, तो बताना, हम आ जाएंगे

किनारों पर रहकर समुंदर समझ नहीं आएगा

गहराई नापने जाना हो, तो बताना, हम आ जाएंगे

कहीं महफ़िल ग़ज़ल की हो या कहीं जाम की

याद आएं किसी नज़्म पर, तो बताना, हम आ जाएंगे

वैसे हमें याद तो बहुत आते हो तुम भी हर वक़्त 

गलती से भी हिचकी आए, तो बताना, हम आ जाएंगे

-स्वप्निल जोसफ

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